सोनी सब के कलाकारों के साथ मनायें होली का जश्‍न

| 20-03-2019 4:30 AM 2

परेश गनात्रा (‘भाखरवाड़ी’ के महेंद्र ठक्‍कर)

सोनी सब के कलाकारों के साथ मनायें होली का जश्‍न

मेरे लिये होली छुट्टी का दिन होता है, क्‍योंकि मैं इस त्‍योहार पर पानी बर्बाद करना पसंद नहीं करता। लोग जिस तरह से होली मनाते हैं वह इस त्‍योहार का मूल रूप नहीं है। हालांकि, मैं जब तक छोटा था, 20 साल की उम्र तक मैं होली खेला करता था। तब मुझे इस त्‍योहार के मनाने के नुकसान का पता चला। इसलिये, अब मैं केवल अपने दोस्‍त को गुलाल का टीका लगाकर होली खेलता हूं और उसके बाद हम एक साथ बैठते हैं, खाते हैं और खूब सारी बातें करते हैं।

मेरे विचार से, होली का अर्थ अपने परिवार का साथ होना और उनके साथ खुशियां बांटना होना चाहिये। यदि लोग इस दिन आपको देखकर खुश होते हैं तो यही होली का सही अर्थ है या फिर किसी भी त्‍योहार का।

 पारस अरोड़ा (‘बावले उतावले’ में गुड्डू)

सोनी सब के कलाकारों के साथ मनायें होली का जश्‍न

मेरे लिये होली का मतलब खुशियां फैलाना, परिवार और दोस्‍तों के साथ अच्‍छा वक्‍त बिताना और खूब सारी मिठाइयां, खासतौर से अपनी फेवरेट गुझिया खाना है। मुझे याद है बचपन के दिनों में मैं इस त्‍योहार के लिये बहुत उत्‍साहित रहता था, इसलिये मैं होलिका दहन के लिये परिवार के साथ सुबह 4 बजे उठ जाता था और फिर अलग-अलग रंग इकट्ठा करता था, होली खेलने के लिये।

हालांकि, अब हम बहुत ही कम रंगों से खोली खेलते हैं क्‍योंकि इन दिनों उनमें काफी सारी नुकसानदायक चीजें होती हैं। इसलिये, मैं एक खुशहाल, रंगों भरी और सुरक्षित होली की शुभकामना देता हूं। अपना समय परिवार और दोस्‍तों के साथ बितायें तथा होली के स्‍वादिष्‍ट पकवान खायें।

अक्षय केलकर (‘भाखरवाड़ी’ में अभिषेक)

सोनी सब के कलाकारों के साथ मनायें होली का जश्‍न

होली को लेकर मेरा विचार बहुत ही अलग है, मुझे रंगों से होली खेलना पसंद नहीं है या फिर लकड़ी को जलाकर मनाना। मैं इस त्‍योहार को ढेर सारा मीठा जैसे पूरण पोली और करंजी खाकर मनाता हैं। मैं बहुत ही कम उम्र से ही हमेशा होली के दिन घर के अंदर रहता था क्‍योंकि सड़कों पर प्‍लास्टिक बिखरा हुआ देखकर, पानी की बर्बादी और पेड़ो से काटकर लकड़ी जलता देखकर मुझे दुख होता है। मेरा मानना है कि हमें त्‍योहार मनाना चाहिये लेकिन अपने पर्यावरण की परवाह करना भी हमारी जिम्‍मेदारी है।

इसलिये, इस होली मैं सबसे यही आग्रह करूंगा कि इस त्‍योहार को पर्यावरण को नुकसान पहुंचाये बिना मनायें और प्‍लास्टिक, गंदे रंग इस्‍तेमाल करने या पानी की बर्बादी करने से बचें। इसके बदले में, ढेर सारी स्‍वादिष्‍ट मिठाइयां खाकर और अपने परिवार तथा करीबियों के साथ वक्‍त बिताकर इस त्‍यौहार को मनायें।

कृष्‍णा भारद्वाज (‘तेनाली रामा’ के रामा)

सोनी सब के कलाकारों के साथ मनायें होली का जश्‍न

होली का मतलब है, रंगीन आसमान, मौसम का बदलना, ढेर सारे मौसमी फलों की बहार और मां के हाथों का बना खाना। यह त्‍यौहार अपने दुश्‍मनों को रंगने और उनके साथ दोस्‍ती करने का है। इस त्‍यौहार के साथ, मुझे कुछ नयेपन और अच्‍छे का अहसास होता है। बचपन के दिनों में, हम खूब सारे रंगों के साथ खेला करते थे, क्‍योंकि बड़े लड़के सारे गंदे रंग हमारे ऊपर डाल दिया करते थे और अब मुझे उन दिनों की याद आती है। हालांकि, मैं कभी रंगों के साथ होली नहीं खेलता, बल्कि उसकी जगह फिल्‍में देखता था और होली के ढेर सारे स्‍वादिष्‍ट पकवान खाता हूं।

मैं सबसे यही गुजारिश करना चाहूंगा कि इस बार सुरक्षित और साफ होली मनायें। अपने पेरेंट्स के साथ कुछ प्‍यार भरे पल बिताने की कोशिश करें। उन्‍हें प्‍यार करें तथा उनकी कद्र करें। अपने दोस्‍तों और करीबियों के साथ मौज-मस्‍ती का आनंद उठायें।

 सिद्धार्थ निगम (‘अलादीन: नाम तो सुना होगा’ में अलादीन)

सोनी सब के कलाकारों के साथ मनायें होली का जश्‍न

होली मौज-मस्‍ती का समय होता है, परिवार और दोस्‍तों के साथ बैठकर खाना तथा मिलकर त्‍यौहार मनाने का समय होता है। इस दिन की असली खुशी अपने करीबियों के साथ बिताकर, अकेलेपन को दूर करके और अपने जीवन को रंगीन बनाकर मिलती है। आमतौर पर मैं अपने परिवार वालों और दोस्‍तों के साथ होली मनाता हूं। मुझे गुझिया खाना पसंद है, इ‍सलिये इस स्‍वादिष्‍ट मिठाई को बनाने में अपनी मां की मदद करता हूं। साथ ही होली के दिन, सब पर रंग डालना भी मुझे अच्‍छा लगता है।

मैं अपने सभी दर्शकों को पॉजिटिविटी और प्‍यार से भरपूर खुशहाल और सुरक्षित होली की शुभकामना देता हूं। यह दिन आराम करते हुए और अपने परिवार तथा आस-पास के लोगों के साथ बीच खुशियां बांटकर बितायें।