Gulmohar Review : परिवारों के उलझे-सुलझे रिश्तों की खट्टी-मीठी कहानी है गुलमोहर

| 09-03-2023 12:18 PM 111
Gulmohar Movie Review
Source : mayapuri Gulmohar Movie Review

पिछले कुछ वर्षो में मनोज बाजपेयी ( Manoj bajypayee ) को बड़े पर्दे  पर उतनी सफलता नहीं मिल पाई, तो उन्होंने अब ओटीटी को अपना नया ठिकाना बना लिया है. एक के बाद एक ओटीटी पर बेहतरीन वेब शोज और फिल्मों से उन्होंने दिखा दिया कि आज भी उनकी एक्टिंग में उतना ही दम है. हाल ही में 3 मार्च को उनकी एक और फिल्म  "गुलमोहर" ओटीटी प्लेटफार्म हॉटस्टार पर आई है. 

 गुलमोहर की कहानी

 

फिल्म की कहानी दिल्ली के पॉश इलाके में स्थित गुलमोहर विला में रहने वाले एक  रईस परिवार की है. होली से कुछ दिन पहले इन्होंने ज्यादातर हाई सोसाइटी के परिवारों की तरह अपना घर बेचकर अलग अलग फ्लैट्स में शिफ्ट होने का फैसला किया है. घर के लोगों  को लगता है कि वह एक ही घर में रहकर पाबन्दियों  का सामना करना पड़  रहा हैं. ऐसे में घर से दूर जाकर उन्हें इन सबसे मुक्ति मिल जाएगी। 

कुसुम बत्रा ( शर्मिला टैगोर ) ( Kusum Batra ) घर की सबसे सीनियर मेंबर है, वह दिल्ली छोड़कर पुडुचेरी जा रही है. उनका बेटा अरुण ( मनोज बाजपेयी ) ( Arun )अपनी पत्नी इंदु ( सिमरन ) के साथ गुरुग्राम के फ्लैट में शिफ्ट हो रहा है और उनका बेटा आदित्य ( सूरज शर्मा ) अपनी पत्नी दिव्या ( कावेरी सेठ ) के साथ अपने पेरेंट्स से अलग रहने का फैसला करता है. अरुण की बेटी अमृता ( उत्सवी झा ) भी एक रिलेशनशिप में है लेकिन फिल्म मे वो अपनी ज़िन्दगी में किसी परेशानी से झुंझती हुई नज़र आ रही है. बत्रा फैमिली  में अरुण के चाचाजी सुधाकर बत्रा ( अमोल पालेकर ), उनका बेटा कमल ( अनुराग अरोड़ा ), बहू नीना ( देविका शहानी ) और पोता किशोर ( श्रीहर्ष शर्मा ) भी है.

गुलमोहर का ट्रेलर 

फिल्म एक तरफ अरुण और उनके बेटे के बीच तकरार देखने को मिलती है तो वही दूसरी तरफ उसकी बेटी अपनी ज़िन्दगी में कुछ परेशानियों का सामना कर रही है. इन सबके बीच अरुण अपने बच्चों  से अलग होने को लेकर परेशान है. तो वही कुसुम अपने परिवार को अपना 34 साल पुराना घर छोड़ने से पहले एक आख़िरी बार साथ में होली मनाने के लिए मना लेती है. लेकिन अरुण को सच्चाई का पता लग जाता है और उसका दिल टूट जाता है. अब सवाल यह है कि  क्या कुसुम को अपनी फैमिली के साथ एक आखरी बार होली मनाने का सपना पूरा हो पाएगा? यह तो आपको फिल्म देखकर ही पता लगेगा.

गुलमोहर का रिव्यू

डायरेक्टर राहुल चितैला ने एक परफेक्ट फैमिली ड्रामा बनाया है जो लोगों को लास्ट समय  तक बांधे रखता है. फिल्म में एक टूटते संयुक्त परिवार की उलझनों और चुनौतियों को बखूबी दिखाया गया है और साथ ही साथ परिवार के नौकरों  के बीच चल रही प्रेम कहानी का प्लाट भी दिलचस्प है. मनोज बाजपेयी ने एक मिडिल एज बिजनेसमैन, एक ज़िम्मेदार बाप और चुनौतियों से मुंह  न मोड़ने वाले बेटे का रोल बखूबी निभाया है.
काफी लंबे समय के बाद फ़िल्मी पर्दे पर वापसी करने वाली शर्मिला टैगोर भी कुसुम के रोल में शानदार लग रही है. साउथ की फिल्मों में काफी अरसे तक काम करने के बाद सिमरन ने बॉलीवुड में उम्दा वापसी की है. फिल्म में सभी कलाकारों ने बखूबी अपना रोल निभाया है और फिल्म का संगीत भी कहानी को सपोर्ट करता है.