Gandhi Jayanti: गांधी जयंती के मौके पर देखें बॉलीवुड की ये फिल्में, जिसे देख आ जाएंगी बापू की याद

| 02-10-2023 12:00 PM 10

Gandhi Jayanti: गांधी जयंती (Gandhi Jayanti) हर साल 2 अक्टूबर को मनाई जाती है. इस साल हम महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi)154वीं जयंती मनाने जा रहे हैं. महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर, गुजरात में हुआ था. वहीं सिनेमा जगत ने गांधीजी के सम्मान में कई फिल्में भी बनाई हैं. आज गांधी जयंती के मौके पर हम आपको उन फिल्मों के बारे में बताएंगे जो बापू को ध्यान में रखकर बनाई गई हैं.

गांधी (1982)

 

गांधीजी पर आधारित इस फिल्म में ब्रिटिश अभिनेता बेन किंग्सले मुख्य भूमिका में थे. इस फिल्म का निर्देशन रिचर्ड एटनबरो ने साल 1982 में किया था.  यह फिल्म गांधीजी के जीवन पर बनी सर्वश्रेष्ठ फिल्मों में से एक है.

द मेकिंग ऑफ द महात्मा, (1996) 

 

द मेकिंग ऑफ द महात्मा 1996 में श्याम बेनेगल द्वारा निर्देशित एक जीवनी पर आधारित फिल्म है जो साउथ अफ्रीका में अपने 21 सालों के दौरान मोहनदास करमचंद गांधी के नाम से भी जाना जाता है. ये फिल्म उनके प्रारंभिक जीवन के बारे में है. यह फिल्म फातिमा मीर की किताब ' द अप्रेंटिसशिप ऑफ ए महात्मा' पर आधारित है.

'लगे रहो मुन्ना भाई' 

 

हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में महात्मा गांधी पर कुछ बेहद शानदार फिल्में आई हैं. उन सभी फिल्मों में से बॉलीवुड के दिग्गज डायरेक्टर माने जाने वाले राजकुमार हिरानी की 2006 में रिलीज हुई 'लगे रहो मुन्ना भाई' का एक अलग ही क्रेज है. इस फिल्म में निर्देशक ने एक 'भाई' के जरिए बेहद मनोरंजक तरीके से 'गांधीगिरी' दिखाई है. इस फिल्म को दर्शक आज भी बेहद प्यार देते हैं. 

गांधी माई फादर (2007)

 

2007 में रिलीज हुई इस बॉलीवुड फिल्म में गांधीजी की हत्या और संघर्ष से परे उनकी निजी जिंदगी को दिखाया गया था. फिल्म में बापू और उनके बेटे हीरालाल गांधी के साथ उनके रिश्ते को दर्शाया गया है. गांधी माई फादर में दर्शन जरीवाला ने बापू और अक्षय खन्ना ने हीरालाल गांधी का किरदार निभाया था.

गांधी गोडसे - एक युद्ध, (2023)

 

गांधी गोडसे - एक युद्ध साल 2023 भारतीय-हिंदी भाषा की ऐतिहासिक फिल्म राजकुमार संतोषी, और मनीला संतोषी द्वारा निर्मित किया गया है. फिल्म में दीपक अंतानी औरचिन्मय मंडलेकर मुख्य भूमिका में हैं. फिल्म एक काल्पनिक स्थिति से संबंधित है जिसमें महात्मा गांधीअपनी हत्या सेऔर उसके बाद न केवल नाथूराम गोडसे को, बल्कि उनके साथ मेल जोल भी बढ़ाते हैं.