बॉलीवुड के असली हीरो हैं Javed Akhtar, जो पाकिस्तान में घुसकर पाकिस्तान की धुनाई करके आगए!

फिल्म 'गदर: एक प्रेम कथा' में पर्दे पर नायक सनी देओल पाकिस्तान जाते हैं और वहां पानी का हैंड पम्प उखाड़कर उनकी धुनाई कर डालते हैं. भारतीय दर्शकों को यह दृश्य इतना पसंद आया कि लोगों ने कई कई बार फिल्म को देखा. वर्षो बाद वही काम असली ज़िंदगी मे बॉलीवुड के लेखक-गीतकार जावेद अख्तर ने किया है. जावेद साहब पाकिस्तान एक साहित्यिक- फेस्टिवल में गए, और वहां के बौद्धिक समाज और प्रेस मीडिया की धुनाई करके आए हैं. उनका यह कारनामा सोशल मीडिया पर छा गया है, लोग बार बार देखना चाह रहे हैं. उनको बॉलीवुड का असली हीरो कहा जा रहा है.


इससे पहले की पूरा कारनामा बताएं, बता दें कि कंगना रानावत जो पूरे बॉलीवुड की ऐसी तैसी करती रहती हैं वह भरे दिल से जावेद अख्तर की तारीफ की हैं जो वह लाहौर में जाकर 26/11के आतंकी अटैक को लेकर बेबाक वक्तव्य दिए हैं. कंगना कहती हैं- "घर मे घुसके मारा है !" और, सचमुच कलम के इस सिपाही जावेद अख्तर ने वही कारनामा किया है जो पर्दे पर गुस्सैल भारतीय हीरो सनी देओल ने किया था. यह मैं नही कह रहा लोग कह रहे हैं.


पाकिस्तान के शहर लाहौर में तीन दिवसीय सातवें फ़ैज फेस्टिवल समारोह का आयोजन किया गया था. इस फेस्टिवल में दुनिया भर से मशहूर साहित्यिक कल्चरल व्यक्तियों को आमंत्रित किया गया था.भारत से शायर,पटकथा लेखक, गीतकार जावेद अख्तर साहब वहां शिरकत करने गए थे. पाकिस्तान का बौद्धिक जगत और प्रेस- मीडिया तो वहां था ही. शायर फ़ैज अहमद फ़ैज की स्मृति में आयोजित इस प्रोग्राम की एंकरिंग कर रहे थे मरहूम फ़ैज अहमद साहब के ग्रैंडसन आदिल हाशमी. वार्ता के दौरान जावेद अख्तर से कई तरह की चर्चाएं हुई. वायरल हो रहे वीडियो के अनुसार ऑडिएंस से किसी ने कहा- पाकिस्तान एक पॉजिटिव फ्रेंडली और लविंग कंट्री है, जबकि भारत के लोग मन मे पाकिस्तान के प्रति कलुषित भावना रखते हैं.


इसपर जावेद अख्तर ने सुना दिया- "हम मुम्बई में रहते हैं. हमने हमारे शहर में 26/11 का अटैक देखा है. ये दहसतगर्द नार्वे या इजिप्ट से नही आए थे. वे आज भी फ्री होकर तुम्हारे देश मे घूम रहे हैं. सो, अगर एक हिन्दुस्तानी के दिल मे दुख है तो तुम्हे यह बात समझना चाहिए. हम भाई चारे की बात करते हैं हमें एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप नही करना चाहिए." एक जवाब में 'शोले' लेखक ने कहा- "हम भारत मे पाकिस्तानी कलाकारों को भव्य स्वागत देते हैं. हमने नुसरत फतेह अली खान और मेहंदी हसन के लिए बड़े बड़े फंक्शन होस्ट किये हैं तुमने लता मंगेशकर के लिए कभी शो ऑर्गेनाइज नहीं किया!"


लाहौर स्थित अलहमारा आर्ट्स कौंसिल में हर वर्ग से आए लोगों की भारी भीड़ के बीच जावेद अख्तर ने निर्भीक होकर भाषा, पोएट्री, परफार्मिंग आर्ट्स, प्यार और दोस्ती पर माकूल जवाब दिया. भाषा की बात पर वह बोले बंटवारे से पहले उर्दू का ओरिजिनल नाम हिंदवी था. जब सब कुछ बंट गया, भाषा नही बंट सकती थी, उसे पाकिस्तान ने अपनी तरफ धकेल दिया. जावेद अख्तर तो अपनी बातें कहते वीडियो में कई मौकों पर ऊंची आवाज में और तैस से भरे अपने अंदाज में बातें करते भी सुनाई देते हैं.


सचमुच जैसे सेना ने पाकिस्तान में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक किया था, 'गदर' के हीरो ने पर्दे पर पानी का पम्प उखाड़कर स्ट्राइक किया था, जावेद अख्तर ने कल्चरल कार्यक्रम में पहुंचकर वैसा ही शब्दों की स्ट्राइक किया है. वाकई वह सोशल मीडिया और समाचार सुर्खियों में बॉलीवुड के हीरो कहे जा रहे हैं तो फव रहा है !