Alka Yagnik :‘घूंघट की आड़ से’ मिली सफलता की उड़ान

| 20-03-2023 12:11 PM 44
Flight of success achieved 'under cover of veil
Source : mayapuri

 

बॉलीवुड की फेमस प्लेबैक सिंगर अलका याग्निक जिनकी आवाज के फैंस दिवाने है. सिंगर तीन दशको से हिंदी सिनेमा जगत में अपनी सिंगिग के लिए जानी जाती है. यही नहीं अलका यग्निक बॉलीवुड में सबसे ज्यादा गाने रिकॉर्ड करने वाली पांचवी प्लेबैक सिंगर मानी जाती है. सिंगर जिस गीत को आपनी आवाज देती हैं उन गीतो में नए रंगो के साथ जीवन भर देती हैं. सिंगर ने अपने जीवन काल में अब तक 8000 से भी ज्यादी गीतो को अपनी आवाज दी है. पूरी दुनियां में आपनी सिंगिंग से मशहूर अलका याग्निक का जन्म 20 मार्च 1966 को कोलकाता में एक गुजराती परिवार में हुआ था. सिंगर की मां शोभा याग्निक भी एक सिंगर थी.


अलका याग्निक ने मात्र 6 साल की उम्र से ही कोलकाता रेडियो के लिए गाना शुरु कर दिया था. 10 साल की उम्र में वह मुंबई शिफ्ट हो गयी और वहीं से सिंगिंग के क्षेत्र में तरक्की की राह पर चल पड़ी. अलका ने ज्यादातर बॉलीवुड की फिल्मों के लिए गाने गाती है. वह अब तक लगभग 700 फिल्मों के लिए गाने गा चुकी हैं. इसके साथ-साथ अलका ने सिंगर कुमार सानू और उदित नारयण के साथ ज्यादतर गीत गए हैं. सिंगर कुमार सानू के साथ गाए गाने फैंस को काफी पंसद आते हैं. 
 


अलका याग्निक का बॉलीवुड करियर

बॉलीवुड करियर की शुरुआत साल 1980 में आई फिल्म 'पायल की झंकार' के एक गीत में आपनी आवाज देकर की.आगे चलकर अलका नें साल 1981 आई फिल्म 'लवारिस' के गाने 'मेरे अंगने में' गीत से बॉलीवुड में अपनी खास पहचान बना ली थी. साल 1988 में आई फिल्म 'तेजाब' के फेमस गाने 'एक दो तीन' के लिए सिंगर को बेस्ट फिमेल प्लेबैक सिंगर का अवार्ड हासिल किया. इस बाद अलका याग्निक नें हिंदी के साथ लगभग 25 अलग-अगल भाषाओं में गीत गाए हैं जिसमें 15 पाकिस्तानी गीत भी हैं. इसके बाद साल 1993 में अलका नें इला उरुण के साथ फिल्म 'खलनायक' में "चोली के पीछे क्या है" गाना गाया. आनंद बख्शी के लिखे इस गाने ने विवादों के साथ सुर्खियां भी बटोरी. जिसके लिए अलका याग्निक को दूसरा फिल्मफेयर अवॉर्ड हासिल हुआ जिसे सिंगर नें इला के साथ शेयर किया.

 

अलका याग्निक ने जीते ये अवार्ड

याग्निक ने अपने गीतों के लिए बेस्ट फिमेल प्लेबैक सिंगर को दो नेशनल फिल्म अवॉर्ड के साथ-साथ 7 फिल्म फेयर अवॉर्ड हासिल कर चुकी हैं. साल 1993 में आई फिल्म हम है राही प्यार के में गाए "घूँघट की आड़ से" और साल 1998 में आई फिल्म कुछ-कुछ होता है के टाइटल ट्रैक गीत के लिए बेस्ट प्लेबैक सिंगर का अवॉर्ड मिला. आग चलकर फिल्म  परदेस (1998) से "जरा तस्वीर से तू", ताल (2000) से "ताल से ताल", धड़कन (2001) से "दिल ने ये कहा है दिल से", "ओ रे छोरी" लगान (2002) से और हम तुम (2005) से "हम तुम" लिए कुल 36 बार नोमिनेट किया गया इसके इसके अलावा अलका ने दो बंगाल फिल्म पत्रकार संघ अवॉर्ड जीते हैं. संगीत के क्षेत्र में बेहतर योगदान के लिए याग्निक को  साल 2017 में लता मंगेशकर पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था. 

अलका याग्निक का व्यक्तिगत जीवन 

याग्निक ने साल 1989 में शिलॉन्ग के एक बिजनेस मैन नीरज कपूर से शादी की, सायशा कपूर अलका याग्निक की इकलौती संतान हैं.