संजय सर ने बहुत सताया - अदिति राव हैदरी

| 21-09-2017 3:30 AM No Views

लिपिका वर्मा

हैदराबाद के रॉयल परिवार की अदिति राव हैदरी बहुत ही सरल सीधे स्वभाब की अभिनेत्री है। अपने टैलेंट से हिंदी फिल्मों में धीरे धीरे कदम ज़माने में कामयाब हुई यह हैदराबादी बोर्गी अब फिल्म, 'भूमि' में संजय दत्त  की कमबैक फिल्म, 'भूमिं' में उनकी बेटी का किरदार निभा रही है। बेटी बन संजू  सर की तारीफ के पुल बांधना नहीं भूलती है अदिति। संजय दत्त के साथ काम कर रही है इस बात को लेकर कर वह बहुत खुश है। -

पेश है अदिति राव हैदरी से लिपिका वर्मा की बातचीत  के कुछ अंश -

भूमि में आप का क्या रोल है ,पर प्रकश डालिये?

एक साधारण परिवार के लोग है। हमारा बाप और बेटी एक   साधरण जीवन चल रहा होता है।कुछ अनहोनी घटना घटने के बाद फिल्म में पिता एवं बेटी के रिश्ते की यह मर्म कहानी सबको हिला कर रकः देगी.दरअसल में हर बारी लड़की को यही बोला जाता है की -वह छोटे कपड़े पहनती है इत्यादि। पर क्या हमें अपने लड़कों को भी सही ढंग से पालने  का अधिकार है या नहीं। पश्चिम भारत में यही  देखा गया है- बाप माँ की बेइज़्ज़ती करते रहते है। और बस माँ की जगह रसोई में ही है यह उसे हमेशा से जतलाया जाता रहा है। तो आपको बतला दूं ऐसा अब बदलना चाहिए।

संजय दत्त के साथ काम मिला क्या कहना चाहेगी आप ?

यह मेरे लिए गर्व की बात है - मुझे हर फिल्ममकर ने चुना है। मुझे जब संजय दत्त की बेटी के किरदार के लिए ओमंग  सर ने चुना तो इससे जायदा ख़ुशी की बात मेरे लिए कुछ नहीं थी। मुझे पहले दिन संजय सर से बहुत डर  लग रहा था। हम संजय सर की छत  पर बैठे हुए थे और ओमंग  सर भी वही साथ  बैठे थे। किन्तु मैं और संजय  सर बिलकुल बातचीत  नहीं कर रहे थे। ओमंग  सर ने जैसे ही संजू सर से यह कहा - यह आप से डर  रही है। तो संजू सर  तुरंत उठे  और बोले,'मुझ से डर रही  हो? यहाँ आओ। '...मुझे जादू की छप्पी  दी और मुझे इतना अच्छा लगा कि मेरा  सारा डर उड़न छू हो गया। उस दिन के बाद तो टेक के समय भी मुझे इतना सताते संजू सर की मुझे टेक के समय हंसी ही आ जाती।

आप खुद  स्ट्रगल कर फिल्मी दुनिया का हिसा बनी है क्या कहना चाहेंगी ?

बतौर अभिनेत्री मुझे अपने सपनो को अभी पूर्ण करना है। अपने टैलेंट पर विश्वास है और आशा भी करती हूं कि जिस तरह मुझे ईश्वर आज भी काम दे रहे है वैसा आगे भी होता रहेंगा। मेरी माँ इस बात से बेहद खुश होती है -जब मेरे घर कोई मेहमान जाकर मेरी तारीफ करता है। तब मेरी माँ  यह एहसास दिलाती है उन लोगों को -'मैं अपनी बेटी की मेहनत  और जो मुकाम उसने अपनी मेहनत  से बनाया  है, इस बात से अच्छी बात और कुछ भी नहीं हो सकती  है। ' मुझे और लोगों की तरह हल्ला मचाना बिलकुल भी पसंद नहीं है। जितना मिला है उस में ही खुश हूँ। आजकल तो सब, 'मैं - में के नारे लगाने में ही व्यस्त है। ऐसे माहौल में मुझे चुप रहे कर ही काम करना पसंद है। मुझमें अहम बिलकुल नहीं है।

बॉलीवुड में भाई भतीजावाद  है। क्या आप ऐसा मानती है ?

देखिये हमे बॉलीवुड को ही भाई भतीजावाद को लेकर टारगेट नहीं करना चाहिए। यह हर व्यवसाय में देखा जाता है। यदि आप का अपना  कोई हो और कही काम हो उसके लायक, तो जाहिर सी बात हो आप चाहेंगे वो उसे मिले। कोशिश करने में कोई ऐतराज नहीं होता है। टैलेंट यदि है तो कोई भी काम में सफल ही होता है फिर चाहे वह कुछ देर सावेर ही सही। वह उसे मिला न किन्तु एक बारी वहां जाकर कोशिश तो कर  ही सकते है। हमे भाई भातिजावाद को लेकर इतना हल्ला गुल्ला नहीं करना चाहिए। यह नेचुरल है की कोई भी अपने लोगों की सिफारिश करता ही है।

बतौर अभिनेत्री आपको नहीं लगता हमेशा ही लोगों को जज किया जाता है ?

यह सच है हमे जनता  चोटी पर ही देखना चाहती है। किन्तु एक और अच्छी बात यह है कि हमें जनता  का प्यार भी ढेर सारा मिलता है। इस व्यवसाय में जो आपको पहचान मिलती है वह कबीले तारीफ होती है। उसको मेंटेन करना मुश्किल होता है। किन्तु बतौर अभिनेत्री में यही  कोशिश करती हूं अपने फैंस  को खुश रखूं  क्योंकि उनके प्यार की  वजह से ही हम यहाँ पर टिके  रहते है।  हर हाल में सकारत्मक सोच लेकर ही चलना हमारे सब के लिए बेहतर है। मुझे नकारत्मक लोग और माहौल बिलकुल भी पसंद नहीं।

आप यदि कुछ करना या कहना चाहे  समाज के लिए तो वह के होगा?

देखिये में खुश नसीब हूं की मैंने इस व्यवसय को चुना। मुझे लोगों तक यहीं पैगाम  पहुँचाना है, खास कर  महिला वर्ग को यही जतलाना चाहती हूँ -आपकी सुंदरता अनमोल है। जैसे भी है नेचुरल ब्यूटी जो आपको ईश्वर ने दी है वह अनमोल है। उसमें कोई भी सर्जरी न करवाए। आप जैसे है वैसे ही सुंदर लगते है। स्वंय की  प्राकृतिक सौन्दर्य से छेडछाड़ करने से देह को नुकसान हो सकता है। मेरे हिसाब से प्राकृतिक सुंदरता अंदर से झलकती है। आप जितना अच्छा सोचेंगे उतने ही अच्छे बाहरी  रूप में दिखाई देंगे।